Friday, March 31, 2017

सतगुरु कबीर जी की बानी के महत्वपूर्ण अंश

मोको कहां ढूंढे रे बन्दे मैं तो तेरे पास में
ना तीरथ में ना मूरत में ना एकांत निवास में
ना मन्दिर में ना मस्जिद में ना काबे कैलास में
मैं तो तेरे पास में बन्दे मैं तो तेरे पास में
ना मैं जप मैं ना मैं तप में ना मैं बरत उपास में
ना में क्रिया करम में रहता नहिं जोग सन्यास में
नहिं पिंड में नहिं अंड में ना ब्रह्मांड आकाश में
ना मैं प्रकटी भंवर गुफा में सब स्वांसों की स्वांस में
खोजी होए तुंरत मिल जाऊ इक पल की तलाश में
कहत कबीर सुनो भई साधो मैं तो हूं विश्वास में
#संत_कबीर..
मतलब इ हैं कि भगवन् इश्वर कही नहि है अगर ये #परिभाषित कही पर है तो सभी इंसानो के भीतर विद्यमान है।
हे आस्तिकों इन्हें तलाशिए..
हे नास्तिकों इन्हें नकारिए..

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